The Signal of Spiritual Power

The Signal of Spiritual Power

The Signal of Spiritual Power is a finely explained short story that how everything happens for our own good.

When he regained consciousness, he found himself alone on a desolate island. Where there was water all around. His ship was shattered, some on land and some in water. Not a single partner of his was left. He was very scared, wondering how he too would survive now.
But he did not give up. To save himself, he went towards the forest. Here he wandered and collected many things of subsistence for himself. Determined to live alone without losing courage.
Every day he would go to shore and look at the horizon and spend hours looking at the ship. But not seeing the ship’s sight, he would come back disappointed. Now he has made a hut for himself, in which he can make his living and protect himself in this forest. In this hut, he also collected all the things which are necessary for his life.
One day when he was returning from the seashore as per his rules of the day, he saw his hut burning completely, the smoke was going high in the sky. In no time, his hut was completely consumed. What could be worse in his life that he lost everything again?
He asked God, crying with pain and anger, why he was doing this to him. He did not even get proper sleep in this pain. On the next day early in the morning, he heard a voice. After running towards the shore, he saw a ship came to pick him up. He became very happy that he would be able to go to his world back again.
He asked the captain of the ship that “How did you know that he is here?”
The captain replied, “We saw smoke in the sky, which showed that some human is trapped here and came here.”
Sometimes the events that cause pain are blessings for us. There is a sign of God, a spiritual power behind every event that happens in life. For the sake of life, never lose courage and have faith in God. Everything happens for our own good.

Hindi:

आध्यात्मिक शक्ति का संकेत

“आध्यात्मिक शक्ति का संकेत” एक ऐसी कहानी है जिसमें बारीकी से संक्षेप में समझाया गया है कि कैसे सब कुछ हमारे अपने भले के लिए होता है।

वो होश में आया तो खुदको एक उजाड़ द्वीप पर अकेला पाया। जहॉं चारों ओर पानी ही पानी था। उसका जहाज टुटकर बिखर चुका था, कुछ जमीन पर तो कुछ पानी में। उसका एक भी साथी नहीं बचा था। वह बहुत डर गया था ये सोचकर कि अब वो भी कैसे बचेगा।
पर उसने हार नहीं मानी. खुद को बचाने वह जंगल की ओर चल दिया।यहॉं वहॉं घुमकर उसने बहोतसी जीवन निर्वाह की चीज़े अपने लिए इकट्ठा की। हिम्मत हारे बिना अकेलेही जीने की ठान ली।
रोज़ वह किनारे पे जाकर क्षितिज की ओर नज़र करके किसी जहाज़ की राह देखते हुए घंटे बिताता। पर जहाज़ के न दिखने पर वह निराश होकर वापिस लौट आता।अब उसने अपने लिए एक कुटिया भी बना ली थी।जीसमें वह अपना गुजारा कर सके और इस जंगल में अपना रक्षण भी कर सके। इस कुटिया में उसने अपने जीवन निर्वाह की सारी चिज़े भी ईकट्ठा कर रखी थी।
एक दिन वह रोज़ के नियमानुसार समुद्र किनारे से लौट रहा था तो उसने देखा उसकी कुटिया पुरी तरह जल रही है।धुंआ आकाश में ऊंचाई पर जा रहा था। कुछ ही समय में उसकी कुटिया पुरी तरह भस्मिभूत हो गई।उसके जीवन में इससे बुरा और क्या हो सकता था कि उसने फिरसे अपना सबकुछ खो दिया।
उसने दर्द और गुस्से से रोते हुए ईश्वर से पुछा कि वो उसके साथ ऐसा क्युं कर रहा है। इसी दर्द में उसे बराबर नींद भी न आई। दुसरे दिन प्रात: सवेरे उसने आवाज़ सुनी। दौडकर किनारे पे जाकर देखा तो एक जहाज़ उसे लेने आया था। वह बहोत खुश हो गया कि वापीस वह अपनी दुनिया में जा सकेगा।
उसने उस जहाज़ के कप्तान से पुछा कि “ आपको कैसे पता चला कि वो यहॉं पर है?”
कप्तान ने जवाब दिया, “ हमने आकाश में धुंआ देखा जिससे पता चला कि कोई इन्सान यहॉं पर फसा हुआ है और यहॉं आ गए।”
कभी कभी दर्द देनेवाली घटनाए हमारे लिए आशिर्वाद साबीत होती है।जीवन में घटने वाली हर घटना के पीछे ईश्वर, एक आध्यात्मिक शक्ति का संकेत होता है। ईसीलिए जीवन में कभी हिम्मत नहीं हारने की और ईश्वर में श्रध्धा रखने की। जो कुछ होता है अपने अच्छे के लिए ही होता है।

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