Life & Choices

Life & Choices

In Life & Choices it is finely explain that you always have options to live life or hate life, how & what to choose to be a success in life?

Meet was the manager of a hotel. He always stay happy. Whenever someone asks him “how are you?” he would aleays answer with a smile, “Absolutely fine!”
Along with being a very good manager, he was also a good source of inspiration for others. And hence, he was liked by everyone.
Seeing this nature of his, I once asked him fervently, “I am not able to understand how someone like you can be so happy and excited?”
Meet replied, “Every morning I wake up and ask myself that I have two options, either I will be happy or I will be unhappy and I choose the option of being happy.
Whenever something goes wrong or unwanted, I can either become a victim of it & get sad or learn something new from that incident and I always choose to learn from that incident. Whenever someone comes to me with a complaint, then after listening to his complaint, I can accept it or by showing the right path encouraged him and I choose the second option.”
I said, “But, it is not so easy.”
Meet said, “It is very easy. Life always has options before us. You decide for yourself which situation you would like to face. You decide for yourself how people should treat you. You decide for yourself whether you want to live in a good mood or in a bad mood. You decide for yourself what your vision is towards life.”
A few years later, I heard that one day the rear door of the hotel was accidentally left open and the robbers entered the hotel. They pointed a gun at Meet’s forehead and asked him to open the coffers.
Meet was opening the coffers with panicked hands that the key fell from his hands.
The robber got angry & he fired on Meet.
With good luck, the waiters came there and the robbers ran away. They took Meet to the hospital. After 18 hours of operation and some treatment, Meet was cured. When he came home after taking leave from the hospital, I went to his house to see him.
I asked him, “How are you now?”
He responded like always, “Very fine.”
Then he showed me his wounds.
I could not see his wounds and I asked him, “What happened while the plunder was going on?” What was going on in your mind? “
Meet replied, “The first thought I got was how I made such a big mistake that the back door was left open. When they shot me, two options came to my mind, either I have to stay alive or I die and I chose the option of staying alive.”
I asked, “Don’t you feel scared?”
Meet replied, “Today science has gone so far and I have full faith in doctors. They were giving me consolation, but before taking me to the operation theater, I was scared to see the gestures on their face, which were clearly saying that he would not survive.”
I asked, “So what did you do?”
He said, “when the nurse asked if I was allergic to anything, I replied, ‘Yes’, everyone looked at me, then I took a deep breath and said, ‘I am allergic to Bullets.’
They all started laughing. Then I told them, ‘I have chosen to live so please give me life.’”
Meet is alive, not just because of doctors and medicine, but because of his amazing attitude.
I learned from him that you always have options to live life or to hate life. The only thing that is in your own right, is your own life. If you manage it, then the whole life will become easy for you. The choice is in your hands. All The Best!

Hindi:

आपके पास हंमेशा विकल्प होते हैं जीवन जीयो या जीवन से नफरत करो। कैसे और जीवन में सफल होने के लिए क्या चुनें?

मीत एक होटल का मेनेजर था। वो हंमेशा खुश रहेता था। जब भी कोई उससे पूछता कैसे हो? तो हंमेशा वह सस्मित जवाब देता, “एकदम मस्त!”
वह बहोत अच्छा मेनेजर होने के साथ साथ दुसरों के लिए एक अच्छा प्राकृतिक प्रेरणास्रोत भी था। इसी वज़हसे वह सबका मनपसंदीदा था।
उसका ये स्वभाव देखकर, मैने एकबार उत्सुक्ता से उससे पुछा, “मुझे समज में नहीं आ रहा कि तेरे जैसा कोई इतना खुशमीजाज़ और उत्साह में कैसे रह सकता है?”
मीत ने जवाब दिया,” रोज सुबह उठकर मै खुद से पुछता हुं कि मेरे पास दो विकल्प है या तो मै खुश रहुंगा या दुखी रहुंगा और मै खुश रहने का विकल्प पसंद करता हुं।
जब भी कुछ गलत या अनचाहा बने तो मै उसका शिकार बनके दुखी हो जाऊ या कुछ नया सीखुं उस घटना से और मै हंमेशा सीखने का विकल्प पसंद करता हुं ।कभी कोई मेरे पास फरियाद लेकर आये तो उसकी फरियाद सुनकर उसे स्विकार लुं या उसे जीवन का सही रास्ता दिखाकर उसका उत्साह बढ़ाऊ और मै दुसरा विकल्प पसंद करता हुं।
मैने कहा पर ये इतना आसान नहीं है।
मीत ने कहा, “ ये एकदम आसान है। जीवन हंमेशा हमारे सामने विकल्प रखता है। आप खुद तय करते हो कि आपको कौनसी परिस्थीती का सामना करना है। आप खुद तय करते हो के लोग आपके साथ कैसा बरताव करे। आप खुद तय करते हो कि आपको अच्छे मुड में रहना है या खराब मुड में। जीवन के प्रती आपका दृष्टीकोन कैसा है ये आप खुद तय करते हो।
थोडे सालों बाद मैने सुना कि एक दिन गलती से होटेल का पिछला दरवाज़ा खुला रह गया और बंदुकधारी लुटेरे घुस आये।उन्होंने मीत के माथे पर बंदुक तान कर तिजोरी खोलने को कहा। मीत घबराकर ध्रुजते हाथों से तीजोरी खोल रहा था कि उसके हाथों से चाबी नीचे गीरी।
लुटेरे को गुस्सा आया तो उसने गोली चला दी।
सद नसीब से वहॉं वेटर्स आ गये और लुटेरे भाग गये। मीत को होस्पिटल ले गये। १८ घंटे के ओपरेशन और कुछ इलाज बाद मीत ठीक हुआ। होस्पिटल से छुट्टी मीलकर जब वह घर आये तो मै उसे मीलने उसके घर गई।
मैने पुछा उससे, “कैसा है अब तुझे?”
उसने हंमेशा की तरह ही जवाब दिया, “ एकदम मस्त।”
फिर उसने मुझे अपने घाव दिखाये।
मै उसके घाव न देख पाई और उससे मैने पुछा, “जब लुट चल रही थी तब क्या हुआ? तेरे दिमाग में क्या चल रहा था?”
मीत ने जवाब दिया, “मुझे सबसे पहले यही विचार आया कि मैने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी जो पिछला दरवाज़ा खुला रह गया। जब उन्होंने मुझे गोली मारी तो मेरे मन में दो विकल्प आये या तो मुझे जिंदा रहना है या मरना है और मैने जिंदा रहने का विकल्प पसंद किया।
मैने पुछा, “क्या तुझे डर नहीं लगा?”
मीत ने जवाब दिया, “ आज विज्ञान इतना आगे गया है और मुझे डॉक्टर्स पे पुरा विश्वास है। वो मुझे हिंम्मत दे रहे थे पर ओपरेशन थियेटर ले जाने से पहले उनके चहेरे के हावभाव देखकर मै डर गया था जो साफ कह रहे थे कि यह नहीं बचेगा।
मैने पुछा, “तो तुने क्या किया?”
उसने कहा कि जब नर्स ने पुछा कि मुझे किसी चीज़ की एलर्जी है तो मैने जवाब दिया, “हॉं” तो सब मेरी तरफ देखने लगे, तब मैने गहरी सॉंस ली और कहा, “बंदुक की गोलियों की एलर्जी है।”
वे सब खडखडाट हसने लगे। तब मैने उनसे कहा, “ मैने जीवन पसंद किया है, महेरबानी करके मुझे जिवनदान दे दो।”
मीत जी गया, सिर्फ डॉक्टर्स और दवाई की वजह से नहीं तो उसके इस अद्भुत रवैये की वजह से।
मैने उससे सीखा कि अपने पास हंमेशा विकल्प होते है जीवन को जीने का या जीवन से घृणा करने की।एक ही चीज़ जो आपकी है, आपके अपने पुर्ण अघिकार में है, वह है आपका अपना जीवन के प्रती द्रष्टिकोन। उसे संभाल लिया तो पुरा जिवन आपका सरल बन जाएगा। पसंद आपके हाथ में है।ओल धी बेस्ट!

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