You should communicate openly because communication eliminates misunderstandings – this is explained here through two very interesting stories.
What is seen is not true and what is true is sometimes not seen. I was looking for a story to explain this, to bring this to everyone’s attention and it came to my attention a few days ago. Many thanks to the author of Kaleidoscope of Sanskar Purti of Sandesh News Paper.
Story 1
A child’s mother was very servile. She used to cook for the motherless children of neighbors. His mother used to first cook food for him and then for those children, this discrimination did not suit him. That’s why he once asked his mother, “Mom, why do you do this?” Mother said, “Your words are true, but you are my son, if you eat cold food, then there is no problem, but they should get hot food. That’s why I cook for you first and then for them.”
Hearing this, the misunderstanding in his heart about his mother got dispelled.
If that child remained silent, then there would always be bitterness in his heart towards his mother.
So, whatever it is just ask, communication does not create misunderstanding.
It happens many times that our thinking is different from that of others. Because of this, we do not understand the behavior of others and consider it wrong. Maybe he is right in his place. Make it clear by asking, don’t make up your own assumptions by keeping them in your mind.
Story 2
One day a mail was received by a private detective organization in a big city. It was written in it that, the woman he married 10 years ago was a widow and mother of a 4-year-old girl. Due to some not-so-good personal situation, she had kept her daughter in an orphanage. From there the daughter was adopted by someone and all of this happened with the acceptance of his wife. After that, she does not know anything about the daughter’s whereabouts. As they don’t have their own children, she is now missing her daughter. If they help him in finding the girl, then he is ready to give all the expenses needed.
He then wrote down his contact details after writing a description of the girl and mentioning her passion for singing. The work was difficult as 12 years had passed since the girl was adopted and she was now 20 years old. Even then the detective company took up the task and got to work.
In a city, there was a music show of a 20-year-old girl of the same name. When the detective met the girl at the end of the show, he was shocked to see that she was blind and felt that he had come to the wrong place but told her the true reason when she asked. Hearing the reason, the girl’s face filled with pain, and she said that she is the same unfortunate girl who hates her birth mother because her mother abandoned her in her childhood, especially when she needed her the most. The girl said that her mother knew that she is slowly losing her eyesight, yet for the sake of her happiness, she had abandoned her.
The detective consoles the girl and arranges a meeting between the mother and the girl with the help of her current parents and those who had assigned him the task.
The girl did not agree to meet at first, but after assuring her that she should once listen to what her mother wanted to say and then whatever she wants would happen, she agreed to meet.
When the girl met her mother, instead of hugging her, the mother recognized her daughter by touching her. The daughter held her mother’s hand and asked if she is blind like her and the mother replied that when she herself started losing her eyesight, she kept her in an orphanage and asked for her to be adopted in a rich, well-doing house because a blind mother was not capable enough to take care of her blind daughter. She took this decision with a heavy heart.
Hearing this, the daughter wept severely and embraced her mother. Today her hatred had turned into love. She was thinking in her mind that how big of a crime would have been done if she had not met her mother and stuck to her stubbornness.
Friends, by meeting and communicating, misunderstandings are resolved. What is seen is not always true and what is true sometimes we are not able to see it. And misunderstandings take root in our hearts and minds, do not let this happen. Communicate more openly. It is possible that your misunderstanding will also get cleared, and a good loving relationship may establish.
बात करनी चाहीए खुलकर क्योंकि बात करने से गलतफहमी दुर होती है – यह बात बहोत ही रोचक छोटीसी २ कहानियॉं द्वारा यहॉं समजाई है।
“गलतफहमी”
“जो दिखता है वह सच नहीं होता और जो सच होता है वो कभी कभी दिखता नहीं।“
मै ये समजाने के लिए, सबकी नज़र में लाने के लिए कहानी ढुंढ रही थी। जो कुछ दिन पहले मेरी नज़र में पढ़ने को आई। इसकेलिए संदेश न्युज पेपर के संस्कार पूर्ती के केलिडोस्कोप के लेखक का बहोत बहोत शुक्रिया।
कहानी १
एक बच्चे की मॉं बहोत सेवाभावी थी।उनके पडोस के बिना मॉं के बच्चों को वे उनके घर जाकर खाना बनाकर खिलाती थी।उसकी मॉं पहले उसके लिए फिर उन बच्चों के लिए खाना बनाती थी, ये भेदभाव उसे अच्छा नहीं लगता था। इसी वज़ह से उसने एक बार अपनी मॉं से पूछा, “मॉं, तु ऐसा क्युं करती है?” मॉं ने कहा,”तेरी बात सच है पर तु मेरा बेटा है, ठंडा खाना खायेगा तो कोई दिक्कत नहीं पर उनको गरम खाना मिलना चाहिए।इसलिए पहले तेरे लिए बनाती हुं फिर उनके लिए।” ये सुनकर उसके दिल में जो अपने मॉं के लिए गलत फहमी थी वो दुर हो गई।
वो बच्चा अगर चुप रहता तो उसके दिल में हंमेशा अपने मॉं के प्रती कड़वाहट रहती।इसलिए जो भी हो पुछ लो, बात करने से गलतफहमी पैदा नहीं होती। कितनी बार ऐसा होता है कि हमारी सोच दुसरों की सोच से अलग होती है। इसी वज़ह से हम दुसरों का बर्ताव समज नही पाते और गलत मान लेते है उसे। हो सकता है वो अपनी जगह सही हो। पुछ कर स्पष्ट कर लो, मन में रखकर अपनी ही सोच न बनाओ।
कहानी २
एक बड़े शहर में प्राइवेट जासुसी संस्था पर एक दिन मेल आया। उसमें लिखा था कि उसने १० साल पहले जीस औरत से शादी की थी वो एक विधवा थी और ४ साल की बच्ची की मॉं थी।कुछ व्यक्तिगत खराब संजोगो की वजह से उसने अपनी बच्ची को अनाथआश्रम में रख दिया था।वहॉं से उसे कोई दत्तक ले गया था और ये सब उसकी पत्नी की मर्जी से हुआ था।उसके बाद उसकी बच्ची कहॉं है उसे कुछ पता नहीं।हमारी कोई संतान न होने के कारण अब उसे अपनी बच्ची याद आ रही है।उसे ढुंढने में अगर वे मदद करेंगे तो पुरा खर्चा वो देने के लिए तैयार है।
उसने बच्ची का वर्णन और गाने का शौक था बच्ची को ये लिखकर फीर अपना संपर्क विवरण लिखा था।
काम मुश्कील था क्योंकि बच्ची को दत्तक लिए १२ साल बीत गए थे और उसकी उम्र भी अब २० साल की हो गई थी।फीर भी जासुस कंपनी ने वह बीड़ा उठा लिया और काम में लग गई।
एक शहर में वही नाम की २० साल के उम्र की लड़की का संगीत शो था। शो खत्म होने पर जब जासुस उस लड़की को मीले तो उन्हे यह देखकर झटका लगा कि वो अंधी थी और उसको यह लगा कि वो गलत जगह आ गया। पर लड़की के पुछने पर उसने आने का सही कारण बताया। यह सुनकर लड़की का चहेरा दर्द से भर गया और कहा कि वो वही कमनसीब लड़की है जो अपने जन्मदेनेवाली मॉं से नफरत करती है क्योंकि मॉं ने उसे बचपन में त्याग दिया था। वो भी उस वक्त जब उसे मॉं की ज्यादा जरूर थी। लड़की ने कहा कि उसकी मॉं जानती थी कि धीरेधीरे उसकी ऑंखों की रोशनी बुझ रही है फिरभी अपने सुख के खातीर उसने उसे त्याग दिया था।
जासुस ने लड़की को सांत्वनना दी और उसके अभी के माता-पिता और जिन्होंने उसे काम सौंपा था उनकी मदद से मॉं और लड़की के बीच मुलाकात की व्यवस्था की।
लड़की पहले तो मिलने के लिँए राज़ी न हुई। पर उसे यह विश्वास दिलाने पर कि एक बार मॉं क्या कहना चाहती है वह सुनले और उसके बाद वो जो चाहेगी वही होगा, वह राज़ी हुई मिलने के लिए।
लड़की जब मॉं से मिली तो उसे गले लगाने की जगह मॉं उसे स्पर्श से देखने लगी और अपनी बेटी को पहचान गई। तभी बेटी ने अपनी मॉं के हाथ पकड़कर पूछा क्या वो भी उसकी तरह अंध है?
तब मॉं ने बताया कि उसके ऑंखों की रोशनी जब कम होने लगी तो उसने उसे अनाथआश्रम में रख दिया और कहा कि किसी संपन्न, खातेपीते अमीर घर में ही उसकी बेटी दत्तक दे। क्योंकि एक अंधी मॉं अपनी अंधी बेटी की परवरीश करने के लिए काबील नहीं थी।उसने अपने दिल पर पत्थर रखके ये निर्णय लिया था।
ये बात सुनकर बेटी फुटफुट कर रो दी और अपनी मॉं को गले लगा लिया।आज उसकी नफरत प्यार में तबदील हो गई थी।मन में सोच रही थी कि कितना बड़ा गुनाह हो जाता अगर वो मॉं से न मिलती और अपनी जीद पे अड़ी रहती।
दोस्तों, मिलने से, बात करने से गलतफहमी दूर होती है। जो दिखता है वही हंमेशा सच नही होता और जो सच होता है उसे हम कभी कभी नहीं देख पाते।और गलतफ़हमी हमारे दिलोंदिमाग में घर कर जाती है।उसे घर मत करने दो। खुलकर मीलों और बात करो। हो सक्ता है आपकी गलतफहमी भी दुर हो जाए और एक अच्छा प्यारा रिश्ता कायम हो जाए।
Nice stories to explain the point
Thank You very much!
Yes… I also believe that communication is must. But in lack of maturity sometimes it converted in hot arguments & tu tu me me.
Very good stories that catched your attention & sharing it with the mass.
Thank You very much!
Hello there! I simply want to offer you a huge thumbs up for the great info you have got here on this post. I will be coming back to your website for more soon.
Thank you very much. You are most welcome.
Your point of view caught my eye and was very interesting. Thanks.